•  5G जी का असली खतरा कोई नहीं देख रहा है | इसमे तो कोई दोराय नहीं है कि अब भारत में 5G नेटवर्क के आ जाने से यहां ना सिर्फ इंटरनेट बल्कि कई सेक्टर को यहां बहुत फायदा होगा | लेकिन वह कहते हैं ना  नई टेक्नोलॉजी  नए जोखिमों को लेकर आती है तो जनाब यह बात 5G तकनीक पर भी लागू होती है वैसे तो भारत में 5G के आने से इसका असर इंसानों, पक्षियों और जानवरों पर कितना पड़ेगा और दुनिया के दूसरे देशों में कितना पढ़ रहा है इसकी चर्चा तो  हो ही रही है | हम भी इस आर्टिकल में इसके बारे में डिटेल में आपको जरूर  बताएंगे | लेकिन 5जी से जुड़ा एक और खतरा है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं | जी हां, वह है डाटा चोरी का हैकिंग का और डाटा माइनिंग का कुछ ऐसे खतरे हैं जिसका असर 5जी के आने से देखने को मिल सकता है तो चलिए इस आर्टिकल में आगे की ओर बढ़ते हैं

                                     How 5G Network Increase Cyber Crime


  •  5G टेक्नोलॉजी ना सिर्फ इंटरनेट स्पीड बल्कि हेल्थ, एजुकेशन, ट्रांसपोर्ट, पावर ,स्पेस सभी क्षेत्रों में बड़ा चेंज लेकर आएगी | इससे मानव जीवन काफी आसान हो जाएगा लेकिन एक तरफ इसके पॉजिटिव एस्पेक्ट अनलिमिटेड हैं तो दूसरी और हैकिंग या डाटा चोरी जैसी नेगेटिव बातें भी इसके साथ हो सकती हैं | आज के समय में हर डिवाइस एक छोटे कंप्यूटर की शक्ल ले चुका है वही Hackers जैसे लोग कितने स्मार्ट होते हैं इसके बारे में भी आप लोगों को पता ही होगा | अब इंडिया में  साइबर क्राइम के किस्से भी आम बात हो गए हैं क्योंकि भारत के  मौजूदा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर में कई फॉल्ट है जो डाटा प्रोटक्शन उपायों को कमजोर कर रहे हैं | ऐसे में 5जी के साथ यह समस्या और भी बढ़ सकती हैं | 5जी शुरू होने से स्मार्ट होम डिवाइसेज, कार के इन्फोटेनमेंट सिस्टम, स्मार्ट टीवी सहित बहुत सारी चीजें इंटरनेट से सीधे जुड़ जाएंगी जो आपकी डाटा सिक्योरिटी के लिए कमजोर साबित हो सकती हैं | 5G की बड़ी बैंडविथ क्रिमिनल को आसानी से  डेटाबेस चुराने में मदद करेगी ऐसे में  साइबर हमले के बढ़ने का खतरा भी ज्यादा होने लगेगा | यही नहीं 5G के आने के बाद होने वाले साइबर हमले और ज्यादा सटीक हो सकते हैं यानी 5जी इंटरनेट यूजर्स की प्राइवेसी के लिए खतरा भी हो सकता है | टेक्निकल यूनिवर्सिटी आफ बर्लिन की यह रिपोर्ट है की हैकर  यूजर्स का डाटा ज्यादा आसानी से   हैक कर सकेंगे जिससे ऑनलाइन फ्रॉड में तेजी आ सकती है | वैसे आपको यह बता दे की जानकारों का कहना है की डाटा सिक्योरिटी और साइबर हमलो को रोकने के लिए जहां सरकार को एक इकोसिस्टम बनाना होगा वही 5जी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी | सरकार डाटा सिक्योरिटी को लेकर काफी गंभीर है सरकार जल्द ही डाटा प्रोटक्शन कानून भी ला सकती है | मोबाइल सिम के मिस यूज को रोकने के लिए सिम के IEMI नंबर को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी कर दिया है | साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का भी कहना है कि अपनी डेटा की सुरक्षा के लिए 5G आने के बाद यूज़र को भी ज्यादा सतर्क रहना होगा | तेज इंटरनेट स्पीड साइबर अपराधियों को भी तेजी से साइबर अटैक करने में मदद करेगी इससे इंटरनेट यूज करते वक्त जरा सी भी  लापरवाही यूजर्स को भारी पड़ सकती है | पासवर्ड ओटीपी निजी फाइनेंसियल और बैंकिंग डाटा को शेयर ना करें और बिना वेरीफाई करें कहीं से भी डाउनलोड नहीं करने की आदत हर हाल में हमें डालनी होगी |


How 5G Network Increase Cyber Crime
How 5G Networks Increase Cyber Crime

अब जैसे कि आपने शायद सुना होगा कि 5जी नेटवर्क एयरक्राफ्ट सर्विसेज पर भी असर डाल सकती है | आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना |  इस मुहावरे का मतलब होता है कोई काम शुरू किया नहीं की मुसीबत आ जाए |  दरअसल 5G जी के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है कुछ वक्त पहले अमेरिका में 5G रोलआउट की खबर पूरी तरीके से फैली भी नहीं थी कि उसका बुरा असर भारत समेत कई देशों में देखने को मिला | 5G फ्रिकवेंसी की वजह से बहुत सी एयरलाइन कंपनी ने अपनी उड़ानें रद्द कर दी | एयर इंडिया ने लगातार दो दिन अमेरिका जाने वाली अपनी फ्लाइट को रद्द कर दिया था वजह बताई जा रही थी 5जी सर्विस |  कहां जा रहा था कि 5G फ्रीक्वेंसी  वजह से हवाई जहाज के नेविगेशन  सिस्टम पर असर पड़ सकता है दरअसल हवाई जहाज के अल्टीमीटर में जो radio-frequency इस्तेमाल होती है तकरीबन  वही फ्रीक्वेंसी 5G तकनीक के सी बैंड में भी इस्तेमाल होती है | एक जैसी फ्रीक्वेंसी के इस्तेमाल की वजह से हवाई जहाज को लैंडिंग के वक्त दिक्कत हो सकती है | अब आपके मन में सवाल उठेगा जबकि इंडिया में भी 5G की शुरुआत हो चुकी है वही दुनिया के कई और देशों में भी 5G काम कर रहे हैं फिर उसका क्या होगा |  आपको बता दें कि यूरोप के सभी 27 देशों में प्लेन की उड़ान में 5जी की कोई शिकायत नहीं मिली ऐसी प्रॉब्लम  सिर्फ और सिर्फ अमेरिका में ही है |


How 5G Network Increase Cyber Crime


दरअसल यूरोपीय यूनियन के 27 देश अमेरिका की तुलना में कम फ्रीक्वेंसी वाली 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं | वहीं फ्रांस जैसे कुछ देशों में ऐसी किसी समस्या से बचने के लिए एयरपोर्ट के आसपास बफर जोन बना दिया है जहां 5जी सिग्नल बैन है साथ ही एंटीना को थोड़ा झुका दिया जाता है जिससे प्लेन के सिग्नल में कोई दिक्कत ना आए | साउथ कोरिया में तकरीबन 2019 से ही 5G का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन वहां 5जी  की वजह से प्लेन के रेडियो सिगनल मैं  किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई है | वहीं अब तो इंडिया में भी  बहुत सारे शहरों में 5जी सर्विस शुरू हो गई है देखते हैं यहां इसका एक्सपीरियंस कैसा रहता है | वही आपको यह बता दे कि नीदरलैंड के  हेज शहर में 5G नेटवर्क टेस्टिंग के दौरान अचानक 297 पक्षियों की मौत की खबर आई थी |  वही 5G नेटवर्क के लिए ज्यादा बैंडविथ की जरूरत होती है जिसके लिए कई मोबाइल टावर लगाने होंगे मोबाइल टावर से रेडिएशन का खतरा पैदा होता है इस वजह से भारत सहित दुनिया के कई देशों में इसका विरोध भी हो रहा है | डब्ल्यूएचओ के अनुसार 5G नेटवर्क के लिए रेडियो वेव  की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ता है हालांकि इससे स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान नहीं है मोबाइल फोन और माइक्रोवेव ओवन जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से कम एनर्जी और कम फ्रिकवेंसी वाले रेडिएशन का इस्तेमाल होता है यह non-आयोनाइज रेडिएशन की कैटेगरी में आते हैं इसीलिए मोबाइल फोन से कैंसर का खतरा काफी कम रहता है | लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि साल 2011 में इंटरनेशनल एजेंसी ऑन कैंसर आईएआरसी ने कहा था कि मोबाइल के रेडिएशन इंसानों में कैंसर की वजह बन सकता है इस रिसर्च को 14 देशों के 30 वैज्ञानिकों ने मान्यता दी थी | वहीं भारत में 5G तैयारियों के लिए साल 2020 में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में बनी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ने मार्च 2022 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि देश में 5G टेक्नोलॉजी अभी शुरुआती स्टेज में है इसीलिए इसके रेडिएशन का सेहत पर पढ़ने वाला  असर तभी साफ होगा जब इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होगा | लेकिन 5जी से कैंसर के खतरे को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता क्योंकि साल 2021 में पैनल फ्यूचर ऑफ साइंस ने टेक्नोलॉजी ऑफ यूरोपीयन पार्लियामेंट में इंसानों की सेहत पर 5G को लेकर एक स्टडी की थी जिसमें बताया गया की 450 से 600मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी वाले रेडिएशन से इंसानों में कैंसर होने का खतरा रहता है वहीं साल 2019 में एनवायरमेंट एंड मॉलिक्यूलर  न्यू टू जेनेसिस एनिमल स्टडी में पाया गया कि मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से चूहों का डीएनए डैमेज हो जाता है 2016 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन केयर एनिमल स्टडी में पाया गया किसी भी फ्रिकवेंसी के रेडिएशन नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है |

How 5G Network Increase Cyber Crime


जहां तक पक्षियों की बात है इंसानों की तरह पक्षियों की मौत तभी हो सकती है जब इसे निकलने वाला  रेडिएशन इतना शक्तिशाली हो कि उसे नुकसान पहुंचाने वाली गर्मी पैदा हो | वैसे आपको क्या लगता है दोस्त क्या   5G वाकई में इंसानों के लिए घातक होगा या फिर एक बस दिमाग का वहम है क्या लगता है आपको कमेंट करके जरूर बताएं